30 September 2013

लाल सिंह दिल


लाल सिंह दिल पंजाब के चर्चित कवि हैं। हाल ही में उनकी किताब देखने को मिली, इत्मीनान से पढ़ने को अभी नहीं, हालांकि मुझे उम्मीद है जल्द ही उनकी किताब पढ़ने के लिए भी मुझे हासिल हो जाएगी। लाल सिंह दिल की ये दो कविताएं अपने ब्लॉग पर प्रकाशित करने से रोक नहीं सकी।  


1.
जब
बहुत-से सूरज मर जाएंगे
तब
तुम्हारा युग आएगा
है ना?
...
2.
वह साँवली औरत
जब कभी ख़ुशी में भरी कहती है--
"मैं बहुत हरामी हूँ !"
वह बहुत कुछ झोंक देती है
मेरी तरह
तारकोल के नीचे जलती आग में
तस्वीरें
क़िताबें
अपनी जुत्ती का पाँव
बन रही छत
और
ईंटें ईंटें ईंटें

20 September 2013

तुम्हें अभी लड़ना होगा लिंकिन




 लिंकिन सुबुद्धि अब भी दिमाग़ में घूम रही है। उसके सिर पर गंभीर चोटें आईँ हैं। उम्मीद करती हूं कि जल्द ही वो ठीक हो जाएंगी। लिंकिन 29-30 साल की शिक्षिका हैं। उन पर जानलेवा हमला किया गया है। क्योंकि लिंकिन ने अपनी एक होनहार छात्रा के बाल विवाह का विरोध किया। एक एनजीओ से जुड़ी लिंकिन नोएडा के ही झुग्गी बस्तियों में पढ़ाती हैं। यहीं 8वीं की वो छात्रा भी थी जिसकी मां उस पर लगातार शादी के लिए दबाव डाल रही थी। छात्रा खुद दो साल से इस बात का विरोध कर रही है। उसकी उम्र करीब 15-16 साल होगी। जिस लड़के से वो मां अपनी बेटी की शादी कराना चाहती थी वो भी उनके साथ ही रहता था। लड़की पर लगातार शादी के लिए दबाव बनाया जा रहा था। लड़की ने बताया कि शादी को लेकर उसकी मां उससे मारपीट करती थी। इससे भी ख़ौफ़नाक ये कि जिस लड़के से उसकी शादी तय करायी जा रही थी उसने लड़की के साथ बलात्कार की कोशिश भी की। लिंकिन की सहयोगियों ने बताया कि वो छात्रा बहुत होनहार है। लिंकिन उसकी मां को समझाने गई थी कि वो अपनी बेटी पर शादी का दबाव न बनाए। वो इस बाल विवाह को रोकने की कोशिश कर रही थी। तभी छात्रा की मां ने उस लड़के के साथ मिलकर लिंकिन पर हमला कर दिया। उसके सर पर वार किया। लिंकिन अभी नोएडा के एक अस्पताल में भर्ती हैं। ब्रेन हैमरेज हुआ है। डॉक्टरों के मुताबिक वो खतरे से बाहर हैं। दूसरों के लिए खड़े होनेवाले और लड़नेवाले लोग हैं ही कितने। लिंकिन उस  बच्ची की खातिर खड़ी हुई। लड़की बाल सुरक्षा गृह भेज दी गई है और उसकी मां गिरफ़्तार है।

(20 सितंबर, नोएडा)