13 November 2015

खिड़कियां

खिड़की
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दरवाजों की मौजूदगी में भी खिड़कियों की अहमियत कम नहीं होती। खिड़कियां एक रहस्य की माफिक लगती हैं। अंधेरे में उजाले का रहस्य। बंद कमरे की घुटन में खुली हवा का रहस्य। घेरेबंदी के बीच आज़ादी का रहस्य। दीवारों के बीच उम्मीदों का रहस्य। सीक्रेट दरवाजा होती हैं खिड़कियां। और दरवाजे तो आपका फैसला हैं। आप अंदर रहें या बाहर। बंद दरवाजों के बीच भी खुली खिड़की में आसमान का नीला रहस्य छिपा है। जैसे आपकी सोच को उड़ने की आजादी मिलती हो। विचारों को कभी थोड़ी धूप मिल जाती है, कभी ताजी हवा। हां आंधी-तूफान में खिड़की भी फैसला बन जाती है। रात में खिड़की से झांकता चंद्रमा हमारे सपनों का रहस्य लिए होता है। जैसे वो भी आसमान की खिड़की से झांककर धरती को देखता हो। जो पाया सो पाया। जो रह गया बाकी, जो नहीं हुआ हासिल, उस दुनिया में खुलती है उम्मीद भरी खिड़कियां। सपनों का पीछा करती हुई। ख्वाहिशों का सीक्रेट जानती हैं खिड़कियां। हर कमरे में जरूर होनी चाहिए  कम से कम एक खिड़की।